आईएसएसएन: 2161-1149 (Printed)
सिस्टमिक स्केलेरोसिस को स्क्लेरोडर्मा भी कहा जाता है। सिस्टमिक स्केलेरोसिस एक क्रोनिक ऑटोइम्यून विकार है। लक्षणों में सबसे छोटी धमनियों में चोट लगने से कोलेजन का संचय शामिल है, जिससे उंगलियों के सिरे पर त्वचा मोटी हो जाती है।
सिस्टमिक स्केलेरोसिस एक प्रकार का संयोजी ऊतक विकार है। इस बीमारी में त्वचा के नीचे अतिरिक्त कोलेजन का जमाव हो जाता है। इससे त्वचा की कोशिकाएं मोटी हो जाती हैं। सिस्टेमिक स्क्लेरोसिस के कारण धमनियों में चोटें भी आती हैं। इससे परिसंचरण तंत्र में विकार उत्पन्न हो जाते हैं क्योंकि ऑक्सीजन युक्त रक्त शरीर के सभी भागों में प्रसारित नहीं हो पाता है। प्रणालीगत स्केलेरोसिस न केवल त्वचा में होता है, बल्कि गुर्दे, यकृत आदि जैसे विभिन्न अंगों में भी होता है, जिससे शरीर प्रणालियों का विनियमन होता है।
सिस्टमिक स्केलेरोसिस से संबंधित जर्नल
रुमेटोलॉजी: वर्तमान अनुसंधान, एथेरोस्क्लेरोसिस: ओपन एक्सेस, एक्टा रुमेटोलोगिका, मल्टीपल स्केलेरोसिस, रुमेटिक रोगों के इतिहास, रुमेटिक रोगों के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल, उत्तरी अमेरिका के रुमेटिक रोग क्लिनिक, रुमेटिक रोगों में क्लिनिक, क्लिनिकल और प्रायोगिक रुमेटोलॉजी।