आईएसएसएन: 2161-1068
जो जीवाणु मानव में संक्रमण का कारण बनते हैं उन्हें जीवाणु रोगजनन कहते हैं। अनेक जीवाणुजन्य रोगजन्य रोग होते हैं। उनमें से एक तपेदिक है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है ।
इसमें स्ट्रेप्टोकोकस और स्यूडोमोनास जैसे बैक्टीरिया के अन्य रोगजनक शामिल हैं। ये रोगजनक और बैक्टीरिया के रूप कई खाद्य जनित बीमारियों और संक्रमण जैसे टेटनस, टाइफाइड बुखार और डिप्थीरिया का कारण बनते हैं।
सूक्ष्मजीव अपनी रोगजन्यता को अपनी उग्रता के माध्यम से व्यक्त करते हैं। किसी रोगज़नक़ की उग्रता के निर्धारक उसके आनुवंशिक या जैव रासायनिक या संरचनात्मक लक्षण हैं जो उसे मेजबान में रोग पैदा करने में सक्षम बनाते हैं। जीवाणु मेजबान मध्यस्थ रोगजनन में, (उदाहरण के लिए, तपेदिक), ऊतक क्षति जीवाणु विषाक्त पदार्थों के बजाय लिम्फोइड कोशिकाओं द्वारा जारी विषाक्त मध्यस्थों के परिणामस्वरूप होती है।
बैक्टीरियल रोगजनन के संबंधित जर्नल
माइकोबैक्टीरियल डिजीज जर्नल, एप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी: ओपन एक्सेस, जर्नल ऑफ बैक्टीरियोलॉजी एंड पैरासिटोलॉजी, जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज एंड डायग्नोसिस, जर्नल ऑफ पल्मोनरी एंड रेस्पिरेटरी मेडिसिन, बैक्टीरियल पैथोजेनेसिस जर्नल्स, जर्नल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड डायग्नोसिस, बैक्टीरियोलॉजी जर्नल्स, ड्रग रेजिस्टेंस के बैक्टीरियल पैथोजन पैटर्न