आईएसएसएन: 2329-8901
अकबर निक्खा
यह लेख बताता है कि व्यायाम के समय को अनुकूलित करने से आंत की शारीरिक क्रिया और स्वास्थ्य में किस तरह सुधार हो सकता है। इसका लक्ष्य पाचन को लंबे समय तक बनाए रखने से बचना है, खासकर रात भर। अपर्याप्त किण्वन और खाने-पीने का व्यायाम समय अस्वस्थ आंत के शॉर्टकट में से हैं। यह सुझाव दिया जाता है कि सुबह और शाम को शारीरिक काम के साथ-साथ शाम और रात में थोड़ा-थोड़ा खाना खाने से अनावश्यक अतिपाचन और पिछली आंत में खराब किण्वन के जोखिम कम हो जाते हैं, जिससे आंत की अखंडता और चयापचय में सुधार होता है। किसी भी स्थिति में शाम को ज़्यादा खाना खाने से बचना चाहिए। दिन के समय भोजन बार-बार लेकिन छोटा होना चाहिए। इससे निरंतर और मामूली पाचन और स्प्लेन्चनिक चयापचय और अच्छी तरह से प्रबंधित अपशिष्ट सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।