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संगठित खुदरा क्षेत्र में महिला श्रमिक: उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून और ऋषिकेश शहरों का एक अध्ययन

डॉ. शशि भूषण दुबे

भारतीय खुदरा क्षेत्र ने रोजगार के व्यापक अवसर खोले हैं और महिला कर्मचारी कुछ उत्पाद श्रेणियों जैसे खाद्य और किराना, सौंदर्य प्रसाधन आदि की बिक्री के लिए खुदरा क्षेत्र की पसंदीदा पसंद हैं। प्रभावशाली संचार कौशल वाली युवा महिलाएं पुरुषों की तुलना में बेहतर कर्मचारी होती हैं। यह पत्र उत्तराखंड के तीन शहरों में खुदरा क्षेत्र में कार्यरत महिला श्रमिकों की प्रोफ़ाइल, नौकरियों की प्रकृति, रोजगार की स्थिति और कामकाजी परिस्थितियों की जांच करता है। निष्कर्ष बताते हैं कि खुदरा क्षेत्र शिक्षित और युवा लड़कियों को नौकरी दे रहा है; कुछ बड़ी उम्र की महिलाएं भी कार्यरत हैं। ज्यादातर लड़कियां अविवाहित हैं, जो इंटरमीडिएट तक शिक्षित हैं। ज्यादातर मामलों में, परिवार का मुखिया काम नहीं कर रहा है और उत्तरदाताओं की कमाई उनके परिवार का मुख्य आधार बन जाती है। मॉल में पूरे समय ड्यूटी पर खड़े रहना बेहद थकाऊ होता है और थकान और एकरसता पैदा करता है

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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