आईएसएसएन: 2155-9570
नाडा जिरास्कोवा, पावेल रोज़सिवल और जान लेस्ताक
उद्देश्य: एक ऐसी तकनीक का वर्णन करना जो खराब या न फैलने वाली छोटी पुतलियों वाले रोगियों में लेन्सएक्स लेजर (एल्कोन) के साथ फेमटोसेकंड लेजर-सहायता प्राप्त मोतियाबिंद सर्जरी करने की अनुमति देता है।
विधियाँ: नई शल्य चिकित्सा तकनीक का वर्णन करने वाली केस रिपोर्ट।
परिणाम: प्राथमिक और द्वितीयक चीरे मैन्युअल रूप से बनाए गए थे और पूर्ववर्ती कक्ष को नेत्र संबंधी विस्कोसर्जिकल डिवाइस (OVD) से भरा गया था। माल्युगिन पुतली विस्तार डिवाइस (माइक्रोसर्जिकल टेक्नोलॉजी) को इंजेक्टर के माध्यम से मुख्य पोर्ट चीरे के माध्यम से डाला गया था। OVD को हटा दिया गया और सभी चीरों को हाइड्रेट किया गया। डॉकिंग के बाद लेजर कैप्सूलोरहेक्सिस और लेंस विखंडन किया गया। इसके बाद फेकोएमल्सीफिकेशन, इंट्राओकुलर लेंस (IOL) प्रत्यारोपण और माल्युगिन रिंग को हटाने का काम सामान्य तरीके से किया गया।
निष्कर्ष: माल्युगिन रिंग का उपयोग फेमटोसेकंड लेजर सहायता प्राप्त कैप्सुलोटॉमी और लेनक्स लेजर के साथ लेंस विखंडन और तत्पश्चात फेकोएमल्सीफिकेशन और आईओएल प्रत्यारोपण दोनों के लिए पर्याप्त सर्जिकल पुतली व्यास बनाए रखने की एक विश्वसनीय और स्थिर विधि है।