आईएसएसएन: 2168-9857
सज्जाद अहमद वानी, विनी जाधव और नरेंद्र बाबू मुनियांजना
परिचय: मूत्राशय की शिथिलता पोस्टीरियर यूरेथ्रल वाल्व (PUV) रोगियों में रुग्णता का एक सामान्य कारण है और यूरोडायनामिक अध्ययन मूत्राशय की शिथिलता की पहचान करने के लिए एक उपयोगी उपकरण प्रदान करता है। इस अध्ययन का उद्देश्य PUV रोगियों में विभिन्न आयु समूहों में यूरोडायनामिक पैटर्न का मूल्यांकन करना था।
सामग्री और विधियाँ: अध्ययन में 4 वर्ष से अधिक आयु के शौचालय प्रशिक्षित रोगियों को शामिल किया गया। सभी रोगियों में आक्रामक यूरोडायनामिक अध्ययन किया गया। रोगियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया; समूह-1 (4-8 वर्ष), समूह-2 (9-13 वर्ष) और समूह-3 (14-18 वर्ष)। प्रत्येक रोगी में नोट किए गए विभिन्न यूरोडायनामिक मापदंडों में अनुपालन, मूत्राशय की स्थिरता, मूत्राशय की क्षमता, पेशाब के दौरान डिट्रसर दबाव, डिट्रसर स्फिंक्टर डिसिनर्जिया और पेशाब के बाद अवशेष शामिल हैं।
परिणाम: अध्ययन में 47 मरीज़ों को शामिल किया गया। मरीजों की उम्र 4 साल से लेकर 17.8 साल के बीच थी, जिनकी औसत उम्र 6.4 साल थी। मूत्राशय हाइपररिफ्लेक्सिया (समूह-1 में 14.3%, समूह-2 में 14.3% और समूह-3 में 8.3%), खराब अनुपालन (समूह-1 में 9.5%, समूह-2 में 28.6% और समूह-3 में 41.7%), मूत्राशय क्षमता (समूह-1 में 76.2% सामान्य, समूह-2 में 50.0% और समूह-3 में 33.3%), (समूह-1 में 14.3% कमी, समूह-2 में 28.6% और समूह-3 में 16.7%) और (समूह-1 में 9.5% वृद्धि, समूह-2 में 21.4% और समूह-3 में 50.0%), पेशाब के दौरान डिट्रसर दबाव (समूह-1 में 42.5%, समूह-2 में 42.8% और समूह-3 में 25.0%), (मूत्र त्याग में बढ़ना और कम होना) समूह-1 में 28.6%, समूह-2 में 28.6% तथा समूह-3 में 41.7%) तथा समूह-1 में 14.3% मायोजेनिक विफलता, समूह-2 में 21.4% तथा समूह-3 में 33.3% मायोजेनिक विफलता पाई गई।
निष्कर्ष: बचपन और किशोरावस्था के दौरान यूरोडायनामिक पैटर्न में काफी अधिक ओवरलैप दिखता है, जिसमें आमतौर पर छोटे बच्चों में हाइपर कॉन्ट्रैक्टिलिटी और बड़े लड़कों में हाइपो कॉन्ट्रैक्टिलिटी और मायोजेनिक विफलता देखी जाती है।