आईएसएसएन: 2165-7092
Kensuke Kubota, Yuji Fujita, Takamtsu Sato, Seitaro Watanabe, Yusuke Sekino, Kunihiro Hosono and Atsushi Nakajima
पृष्ठभूमि: ईयूएस-निर्देशित प्रत्यक्ष कोलेंजियो-पैन्क्रियाटिक एक्सेस (ईयूएस-डीसीपी) उन मामलों में उपयोगी हो सकता है, जहां पैपिला पहुंच से बाहर है, हालांकि, तकनीकी कठिनाई और उच्च जटिलता दर के कारण यह चुनौतीपूर्ण है। इन रोगियों में एंटीग्रेड कोलेंजियो-पैन्क्रियाटोग्राफी (ईयूएस-आरवी) के लिए ईयूएस-रेंडेज़वस भी संभव है।
उद्देश्य: हमारी केस सीरीज में EUS-DCP/RV के संकेत, व्यवहार्यता और सुरक्षा का मूल्यांकन करना।
विधियाँ: EUSDCP उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों और EUS-RV उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों के बीच सफलता और जटिलता दर का विश्लेषण किया गया तथा उनकी तुलना की गई।
परिणाम: सोलह रोगियों ने EUS-DCP करवाया, जिसमें चार में EUS-हेपेटोगैस्ट्रोस्टोमी और बारह रोगियों में EUSकोलेडोकडुओडेनोस्टोमी शामिल है। छह रोगियों ने EUS-RV करवाया, जिनमें दो रोगी ऐसे थे जिन्हें घातक पित्त और ग्रहणी अवरोध के लिए डबल-मेटालिक स्टेंट लगाने की आवश्यकता थी, एक एम्पुलरी कैंसर से पीड़ित था, दो क्रोनिक अग्नाशयशोथ से पीड़ित थे और एक एम्पुलरीक्टोमी के कारण पैपिलरी सिकुड़न से पीड़ित था। EUS-DCP समूह में सफलता दर 62.5% (10/16) और EUS-RV समूह में 100% (6/6) थी। EUS-DCP समूह में जटिलता दर क्रमशः 33% और EUS-RV समूह में 0% थी।
निष्कर्ष: यद्यपि ईयूएस-डीसीपी या ईयूएस-आरवी की व्यवहार्यता, पैपिला तक पहुंचने की क्षमता पर निर्भर करती है, फिर भी ईयूएस-डीसीपी की अपेक्षा ईयूएस-आरवी अधिक व्यवहार्य और सुरक्षित प्रतीत होती है, तथा यह पैपिला तक पहुंच से बाहर वाले रोगियों के लिए पहली पसंद की पद्धति हो सकती है।