आईएसएसएन: 1920-4159
अतुल बरवकर, संजय सावंत, अनिरुद्ध चाबुकस्वर, अमित नेरकर, मीनल घंटे, शीला मालवाड
उद्देश्य: वर्तमान शोध अध्ययन का मुख्य उद्देश्य नए 4,8-डिसब्सिट्यूटिड डिसब्सिट्यूटिड-3,4-डायहाइड्रो-6-मिथाइल-इमिडाज़ो [1,5-बी] [1,2,4]ट्रायज़िन-2 (8 एच)-वन डेरिवेटिव (5 ए-5 एफ) की श्रृंखला को संश्लेषित करना और उनके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के लिए उनका मूल्यांकन करना है। विधियाँ: उक्त यौगिकों को कुल तीन चरणों में संश्लेषित किया गया था अर्थात अर्लेनमेयर-एज़लैक्टोन संश्लेषण, इसके बाद प्रतिस्थापित और अप्रतिस्थापित 2, 4-डाइनिट्रोफेनिलहाइड्राज़िन के साथ प्रतिक्रिया और अंत में क्लोरासिटामाइड के साथ प्रतिक्रिया। 10, 20, 30, 40 और 50 μg/mL जैसे विभिन्न सांद्रता का उपयोग करके 2, 2-डिफेनिल-1-पिक्रिलहाइड्राज़िल (DPPH) मुक्त मूलक स्केवेंजिंग परख का उपयोग करके इन विट्रो एंटीऑक्सीडेंट अध्ययन किया गया था। यौगिकों के संश्लेषण की पुष्टि गलनांक, एचपीटीएलसी, एफटीआईआर, 1एच एनएमआर, 13सी एनएमआर और एलसी-एमएस द्वारा की गई। प्राप्त परिणामों (आईसी50 मान) की तुलना मानक एंटीऑक्सीडेंट एजेंट एस्कॉर्बिक एसिड से की गई। परिणाम: आईसी50 मानों की तुलना मानक एंटीऑक्सीडेंट एस्कॉर्बिक एसिड से की गई। यौगिक 5ए, 5बी और 5सी ने बहुत अधिक महत्वपूर्ण गतिविधि (पी<0.01) दिखाई, 5डी ने महत्वपूर्ण गतिविधि दिखाई जबकि यौगिक 5ई और 5एफ ने मामूली महत्वपूर्ण गतिविधि दिखाई। निष्कर्ष: इलेक्ट्रॉन दान करने वाले समूह वाले यौगिकों ने इलेक्ट्रॉन वापस लेने वाले समूहों वाले यौगिकों की तुलना में उच्च एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव दिखाया।