आईएसएसएन: 2169-0286
दीपक चौधरी
ग्राहक की देखभाल करना आतिथ्य व्यवसाय का मूल है। ग्राहक की ज़रूरतों को समझना और उनका अनुमान लगाना और फिर यह जानना कि उन ज़रूरतों को कैसे पूरा किया जाए और उनसे बढ़कर कैसे पेश आया जाए। जब बात ग्राहकों को भोजन और पेय पदार्थ परोसने की आती है, तो कई तरह की सेवा शैलियों का पालन किया जाना चाहिए। खाद्य सेवा में सेवा की कई अलग-अलग शैलियाँ होती हैं। सेवा की शैली का चयन भोजन के प्रकार के आधार पर किया जाना चाहिए। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे मेहमानों की मेज़ पर भोजन परोसा जा सकता है