मेडिकल एवं सर्जिकल यूरोलॉजी

मेडिकल एवं सर्जिकल यूरोलॉजी
खुला एक्सेस

आईएसएसएन: 2168-9857

अमूर्त

यूरेटेरिक कैलकुलस में रेट्रोपेरिटोनियल लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की भूमिका - बुंदेलखंड क्षेत्र का एक अनुभव

चौबे एस*, सनवाल एके, जैन एम और चौबे जेवी

पृष्ठभूमि: यूरोलिथियासिस मूत्र में क्रिस्टलों का एकत्रीकरण है, जो सामान्यतः कैल्शियम ऑक्सालेट से बना होता है। ESWL, URS और PCNL की तुलना में लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं में पथरी की निकासी अधिक होती है।
लक्ष्य और लक्ष्य: वर्तमान अध्ययन का उद्देश्य यूरोलिथियासिस के प्रबंधन के लिए लेप्रोस्कोपिक रेट्रोपेरिटोनियल सर्जरी की व्यवहार्यता का विश्लेषण करना और यह जांच करना था कि एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के वर्तमान युग में न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी एक वैकल्पिक तकनीक है।
सामग्री और विधियाँ: यूरोलिथियासिस से पीड़ित कुल 52 रोगियों को नामांकित किया गया और सभी का लेप्रोस्कोपी से उपचार किया गया। यूरेटेरोटॉमी के बाद सभी पत्थरों को बिना तोड़े ही निकाल दिया गया।
परिणाम: 52 नामांकित रोगियों में से 28 पुरुष और 24 महिला रोगी थे पत्थर का आकार 16.2 ± 11.11 मिमी था। कुल ऑपरेशन का समय 48 ± 19.08 मिनट था। प्रक्रिया आमतौर पर 3 पोर्ट के साथ की जाती थी। ऑपरेशन के बाद 3 से 9 दिन का समय लगा। अध्ययन के दौरान पत्थर का समीपस्थ प्रवास, मूत्र रिसाव, मूत्रवाहिनी का सिकुड़ना और खुली सर्जरी में रूपांतरण जैसी जटिलताएँ पाई गईं।
निष्कर्ष: यूरोलिथियासिस के लिए लेप्रोस्कोपिक रेट्रोपेरिटोनियल सर्जरी खुली सर्जिकल प्रक्रिया का एक सुरक्षित और अच्छा विकल्प है और इसे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा इकाइयों में किया जा सकता है।

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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