आईएसएसएन: 2165-7548
निशांत शुक्ला
ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेद में आपातकालीन उपचार मौजूद नहीं है और आपातकालीन स्थिति में केवल एलोपैथिक दवाएँ लेने की आवश्यकता होती है, और आयुर्वेद की भूमिका केवल पुरानी बीमारियों में ही सीमित है। समाज और आयुर्वेदिक चिकित्सकों में इस धारणा ने आयुर्वेद के विकास को रोक दिया है, और सहायक चिकित्सा के रूप में इसकी भूमिका को सीमित कर दिया है। आयुर्वेद को चिकित्सा की मुख्य पंक्ति बनने के लिए आपातकालीन प्रबंधन की आवश्यकता है। आयुर्वेद में आपातकालीन प्रबंधन का वर्णन किया गया है, जिसे केवल ज्ञान की आवश्यकता है।
इस शोधपत्र में आपातकालीन प्रबंधन की आयुर्वेदिक मूल बातें समझने का प्रयास किया गया है। इसमें आयुर्वेद के अनुसार आपातकालीन स्थिति को समझना और उसके अनुसार प्रबंधन करना शामिल है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हल्के से मध्यम आपातकाल को आयुर्वेद के अनुसार बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है।
पूर्ण पेपर में आपातकाल, प्रबंधन आदि की अवधारणा पर चर्चा की गई है।