आईएसएसएन: 2161-0932
अवाडे अफौकौ अचिले ओबोसौ, के सलीफौ, बिब हौंकपाटिन, इर सिदी, अफ हौंकपोनौ, ओआ हौंगबो, एम वोडौहे1, आरएक्स पेरिन, सी त्शाबु अगुमोन
उद्देश्य: परकोऊ विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल (यूटीएच/पी) की प्रसूति में तत्काल प्रसवोत्तर रक्तस्राव (आईपीपीएच) के जोखिम कारकों का अध्ययन करना।
विधि: हमने 1 मई और 31 अगस्त, 2014 के बीच एक वर्णनात्मक और विश्लेषणात्मक केस-कंट्रोल अध्ययन किया। अध्ययन जनसंख्या में 63 आईपीपीएच मामले बनाम 126 नियंत्रण शामिल थे, जिन्हें आयु, समानता, भ्रूण की संख्या और गर्भाशय के निशानों की संख्या के अनुसार मिलान किया गया था।
परिणाम: IPPH घटना 9.8% (IC 95% 7.5-12.1) थी। सामाजिक-जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल की विशेषता युवा महिलाओं द्वारा की गई थी; उनमें से अधिकांश विवाहित थीं और इस्लामी धर्म से जुड़ी थीं। उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति औसत थी और सबसे अधिक प्रतिनिधित्व व्यापारियों का था। तत्काल प्रसवोत्तर रक्तस्राव की घटना के लिए सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण जोखिम कारक थे: फुलानी जातीयता, ग्रामीण निवास स्थान, निरक्षरता, महिला खतना, प्रेरित गर्भपात या गर्भपात, पिछला IPPH, प्रसवपूर्व देखभाल की कमी, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया, घर पर या रास्ते में बच्चे का जन्म, पार्टोग्राफ द्वारा प्रसव की निगरानी की कमी, 12 घंटे से अधिक समय तक प्रसव, तीसरे चरण के प्रसव के सक्रिय प्रबंधन (AMTSL) की कमी और प्रसवोत्तर निगरानी की कमी।
निष्कर्ष: गर्भवती और प्रसूति महिलाओं की देखभाल में सुधार लाने की दिशा में तत्काल प्रसवोत्तर रक्तस्राव (आईपीपीएच) की घटना से जुड़े इन जोखिम कारकों पर विचार करने से इस विकृति की घटना को कम करने में मदद मिलेगी।