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अमूर्त

क्षेत्रवाद और बहुपक्षवाद: पूरक या विकल्प?

सुश्री अदिति गोयल, डॉ. हरीश हांडा

पिछले दो दशकों में क्षेत्रीय व्यापार समझौतों की संख्या में वृद्धि ने इस बात पर बहस को जन्म दिया है कि क्या ऐसे क्षेत्रीय समझौते बहुपक्षवाद के विकास को बढ़ावा देते हैं या इसमें बाधा डालते हैं। यह लेख इस मुद्दे पर विभिन्न प्रमुख अर्थशास्त्रियों के अग्रणी कार्यों की समीक्षा करता है।

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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