आईएसएसएन: 2168-9857
एडेगुन पैट्रिक टेमी और ओलाओगुन जूलियस गबेंगा
पृष्ठभूमि: प्रोस्टेट बायोप्सी प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने की मानक प्रक्रिया है। इस बात पर अभी भी राय विभाजित है कि क्या पेशाब संबंधी विकार ध्यान देने योग्य प्रमुख जटिलताओं का हिस्सा हैं। हमने नाइजीरिया में फिंगर-गाइडेड प्रोस्टेट नीडल बायोप्सी [FGPNB] करवाने वाले पुरुषों में निचले मूत्र पथ के लक्षणों [LUTS] की व्यापकता की जांच की। सामग्री और विधियाँ: अध्ययन में 79 रोगियों को शामिल किया गया था, जिन्होंने प्रोस्टेट कैंसर के निदान में इस्तेमाल होने वाले ट्रांसरेक्टल FGPNB से गुज़रा था। प्रोस्टेट बायोप्सी के संकेत असामान्य डिजिटल रेक्टल परीक्षा और/या ऊंचा कुल सीरम प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन (PSA) स्तर (≥ 10 ng/mL) थे। प्रतिभागियों को बायोप्सी से 30 मिनट से एक घंटे पहले 200 मिलीग्राम सिप्रोफ्लोक्सासिन के 100 मिली का रोगनिरोधी जलसेक प्राप्त हुआ। एड्रेनालाईन के साथ लिग्नोकेन की स्थानीय घुसपैठ के माध्यम से पेरी-एनल तंत्रिका ब्लॉक का उपयोग एनेस्थीसिया के रूप में किया गया था। परिणाम: आयु सीमा 42-98 वर्ष थी, जिसकी औसत आयु 67.4 ± 11.2 वर्ष थी। कैंसर का पता लगाने की दर 67.1% थी। बायोप्सी से पहले मध्यम LUTS का प्रचलन 36.7% था; बायोप्सी के एक सप्ताह बाद 40.5% था। बायोप्सी के एक महीने और तीन महीने बाद क्रमशः 51.9% और 53.2% का प्रचलन दर्ज किया गया। बायोप्सी के बाद पहले और तीसरे महीने में LUTS की मध्यम गंभीरता सबसे अधिक प्रचलित थी। निष्कर्ष: प्रोस्टेट बायोप्सी करवाने वाले नाइजीरियाई पुरुषों में बायोप्सी के बाद मध्यम लक्षणों में क्रमिक गिरावट देखी गई।