आंतरिक चिकित्सा: खुली पहुंच

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खुला एक्सेस

आईएसएसएन: 2165-8048

अमूर्त

प्लेटलेट ट्रांसफ़्यूज़न; क्या और कब ट्रांसफ़्यूज़ किया जाए, क्लिनिकल प्रैक्टिस की दुविधा

तस्नीम अहसन, रुखशंदा जबीन, उरूज लाल रहमान, जीनत बानो और समर अब्बास जाफरी

उद्देश्य: दिशा-निर्देशों के आधार पर प्लेटलेट आधान की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना तथा प्लेटलेट्स आधान की कम बनाम उच्च खुराक की प्रभावशीलता की तुलना करना।

अध्ययन डिजाइन: अवलोकन चार्ट विश्लेषण अध्ययन।

अध्ययन का स्थान और अवधि: जिन्ना पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सेंटर, मेडिकल यूनिट II, 2 वर्षों के लिए, 2011 (अध्ययन-ए) और 2012 (अध्ययन-बी)।

सामग्री और विधि: अध्ययन ए में 130 और अध्ययन बी में 111 मरीज शामिल थे। अध्ययन-ए में, उन सभी मरीजों के लिए पूर्वव्यापी चार्ट विश्लेषण किया गया था, जो या तो रक्तस्राव कर रहे थे या जिनकी प्लेटलेट संख्या कम थी। इन मरीजों को दिए गए प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का मूल्यांकन किया गया। इन परिणामों और डब्ल्यूएचओ रक्तस्राव चरणों के आधार पर; भविष्य के प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए। अध्ययन बी में प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन इन दिशा-निर्देशों द्वारा संचालित किया गया था। कम, मध्यम और उच्च खुराक प्लेटलेट्स दिए गए मरीजों के डिस्चार्ज और मृत्यु के रूप में परिणामों की तुलना की गई।

परिणाम: अध्ययन ए में; 98 रोगियों को प्लेटलेट्स चढ़ाए गए, जिनमें से केवल 76 सक्रिय रूप से रक्तस्राव कर रहे थे; जबकि अध्ययन बी में 65 रोगियों को प्लेटलेट्स चढ़ाए गए, जिनमें से 62 रोगियों में सक्रिय रक्तस्राव हो रहा था। रोगी को छुट्टी दिए जाने और उसकी मृत्यु के मामले में परिणाम अलग-अलग खुराक समूहों में तुलनीय देखा गया, जिसमें महत्वपूर्ण P मान <0.005 था।

निष्कर्ष: दिशा-निर्देशों का पालन करने के बाद, पिछले वर्ष 20% अनुचित प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की तुलना में 1% अनुचित प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन प्रशासित किए गए। कम खुराक वाले प्लेटलेट्स उच्च खुराक वाले प्लेटलेट्स जितने ही प्रभावी थे।

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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