जर्नल ऑफ़ होटल एंड बिज़नेस मैनेजमेंट

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खुला एक्सेस

आईएसएसएन: 2169-0286

अमूर्त

उभरते बाजार-भारत की वाइन बाजार संस्कृति का अवधारणा अध्ययन-क्या यह शिशु अवस्था से विकास की अवस्था तक उभरेगा?

आरके श्रीवास्तव

उद्देश्य: इस पत्र का उद्देश्य भारत जैसे उभरते बाजार में शराब के प्रति उपभोक्ता की धारणा का पता लगाना है। डिजाइन/पद्धति/दृष्टिकोण: यह अध्ययन नासिक, जो भारत और SARC देशों में शराब का सबसे बड़ा उत्पादक है, और मुंबई-दूसरे चरण में अपनी जनसंख्या मिश्रण के कारण वित्तीय राजधानी और मिनी भारत है, शहर के उत्तरदाताओं को दिए गए प्रश्नावली पर आधारित है। विभिन्न आयु समूहों के दोनों शहरों से कुल 280 उत्तरदाताओं ने इस अध्ययन में भाग लिया। 150 मुंबई से हैं। यह एक वर्णनात्मक अध्ययन है। निष्कर्ष: भारत में शराब की कोई संस्कृति नहीं है। 25 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के लोग अन्य की तुलना में वाइन का अधिक सेवन करते हैं। विभिन्न प्रकार की वाइन और उनके उपभोग पैटर्न के बारे में जागरूकता की कमी है। भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ब्रांड ऑस्ट्रेलिया, चिली और उसके बाद फ्रांस के हैं। मौलिकता/मूल्य: यह भारत में वाइन के प्रति उपभोक्ताओं की धारणा को संबोधित करने वाला पहला अध्ययन है। चूंकि भारत में वाइन उद्योग अभी शुरुआती अवस्था में है, इसलिए यह अध्ययन वाणिज्यिक हितों और वाइन के प्रति उपभोक्ताओं की धारणा के बीच के अंतराफलक को समझने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

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