आईएसएसएन: 2155-9570
सेइचिरो हयाशी, टेरुहिको हमानाका और तमिको ताकेमुरा
उद्देश्य: जन्मजात उपदंश के कारण द्वितीयक ग्लूकोमा वाले रोगियों में ट्रेबेकुलेक्टोमी (टीएलई) नमूनों में हिस्टोपैथोलॉजिकल परिवर्तनों की जांच करना।
तरीके: 8 रोगियों की ग्यारह आंखों का इस्तेमाल किया गया। सर्जरी से पहले गोनियोस्कोपी द्वारा देखे गए टीएलई के क्षेत्रों की तस्वीरें ली गईं। 13 टीएलई नमूनों में से प्रत्येक (दो आंखों को दो बार टीएलई प्राप्त हुआ) को प्रकाश और संचरण इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के लिए संसाधित किया गया था।
परिणाम: किसी भी आंख में टीएलई के समय पूर्ववर्ती कक्ष में कोई सूजन नहीं थी। गोनियोस्कोपी ने सामान्य, मोटी रंजकता और परिधीय पूर्ववर्ती सिनेचिया का मिश्रण दिखाया। नमूनों में या यहां तक कि एक ही नमूनों में कोण में विभिन्न प्रकार के हिस्टोलॉजिकल परिवर्तन देखे गए: सामान्य (7 आंखें) या अवरुद्ध (8 आंखें) सूजन वाली कोशिकाएँ श्लेम की नलिका और कलेक्टर चैनलों के आस-पास के क्षेत्र तक ही सीमित थीं।
निष्कर्ष: कोण में बहुत लंबे समय तक सूजन का बने रहना जन्मजात उपदंश के कारण द्वितीयक ग्लूकोमा की देर से शुरुआत का कारण हो सकता है। पूर्ववर्ती कक्ष में कोई सूजन न होने के बावजूद श्लेम की नलिका और कलेक्टर चैनल के आस-पास सूजन वाली कोशिकाओं का घुसपैठ होना श्लेम की नलिका और कलेक्टर चैनलों के वास्कुलिटिस का दृढ़ता से संकेत देता है। कोण में कई तरह के हिस्टोलॉजिकल परिवर्तन मुख्य रूप से इन वाहिकाओं की खंडीय सूजन के कारण हो सकते हैं।