आईएसएसएन: 2329-9096
तारित कुमार दत्ता और दीपान्विता घोष
हम जिस औद्योगिक दुनिया में रहते हैं, वहां विकलांगता की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), 2010 के अध्ययन से संकेत मिलता है कि विकासशील देश की कम से कम 10% आबादी एक या दूसरी तरह की विकलांगता से पीड़ित है। हालांकि, दशकीय भारतीय जनगणना रिपोर्टों (2001 और 2011) के दो दौर से प्राप्त आंकड़े कुल जनसंख्या में विकलांगों का प्रतिशत न्यूनतम (2.13% और 2.21%) बताते हैं, जो मापने की तकनीक में लापरवाही को उजागर करता है। 2004-2005 और 2013-2014 के बीच भारत में पुनर्वास के लिए केंद्रीय पूल से धन आवंटन पर एक अध्ययन से पता चला है कि प्रवाह आवश्यकता आधारित नहीं रहा है। समुदाय आधारित पुनर्वास आधार के मूल सिद्धांतों का घोर उल्लंघन करते हुए,