पर्यटन एवं आतिथ्य जर्नल

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भारत में एमआईसीई पर्यटन: भविष्य के रुझान और चुनौतियाँ!

जितेन्द्र सिंह

MICE पर्यटन आधुनिक समय में यात्रा और पर्यटन अर्थव्यवस्था के प्रमुख राजस्व सृजकों में से एक है। UNWTO MICE उद्योग की अंतर्निहित ताकत को पहचानता है और दुनिया भर में MICE गंतव्यों की पहचान करने और उन्हें लोकप्रिय बनाने में सहायक रहा है। ICCA रैंकिंग के अनुसार, भारत ने हाल के दिनों में अपनी स्थिति में काफी सुधार किया है, जब उसने 2018-19 में 175 बैठकों की मेजबानी की, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 143 थी, इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में सात पायदान ऊपर छलांग लगाई और अपनी स्थिति में सुधार किया।

MICE के लिए अनुमानित वैश्विक बाजार का आकार 2018-19 में 808 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जो अब से 5 वर्षों में 1200 बिलियन तक पहुंचने वाला है। भारत में MICE का अनुमानित बाजार आकार 37576 करोड़ रुपये है, जिसमें से लगभग 60% MIC यानी मीटिंग, प्रोत्साहन और सम्मेलन से आता है। यह उल्लेख करना भी महत्वपूर्ण है कि 65% B2B इवेंट हैं। इवेंट से अनुमानित बाजार का आकार स्पेस रेंटल से 4800 करोड़ रुपये के आसपास है, लेकिन आवास, यात्रा के मामले में अर्थव्यवस्था पर इसका कई गुना प्रभाव पड़ता है।

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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