आईएसएसएन: 2168-9857
अमर आबिद
संदर्भ: खतना मूत्रविज्ञान के दैनिक अभ्यास में एक अद्वितीय स्थान रखता है। हीट कॉटरी डिवाइस सबसे आम स्थानीय तकनीक है जिसका इस्तेमाल हमने पाया कि यह मीटल स्टेनोसिस और इसके परिणामों का कारण बन सकता है।
उद्देश्य: हमारे बच्चों में मीटल स्टेनोसिस की घटना, उसके लक्षण तथा स्थानीय पारंपरिक नवजात खतना तकनीकों से उसके संबंध का निर्धारण करना।
सेटिंग्स और डिजाइन: यह पूर्वव्यापी अध्ययन है।
विधियाँ और सामग्री: कुल 150 बच्चे जिनका बचपन के दौरान खतना हुआ था, चिकित्सा संस्थानों के बाहर और उन्होंने स्थानीय पारंपरिक तकनीकों या तो गर्म दाग़ने वाले उपकरण या सर्जिकल चाकू का उपयोग करके खतना किया। सामाजिक विज्ञान के लिए सांख्यिकीय पैकेज- संस्करण 25 (आईबीएम कॉर्पोरेशन) का उपयोग करके डेटा का सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया।
परिणाम: 150 बच्चों में से 60 (40%) में मीटल स्टेनोसिस था। निदान के समय औसत आयु 5.98 ± 3.06 वर्ष (रेंज 1-13 वर्ष) थी और अधिकांश रोगी 5-9 वर्ष (n.31, 51.7%) आयु वर्ग के थे, औसत 6.0 वर्ष। हीटिंग डिवाइस से खतना किए गए बच्चों के समूह में एमएस की घटना अन्य विधि से खतना किए गए बच्चों के समूह की तुलना में काफी अधिक (पी = 0.037) थी। छियालीस बच्चे (76.7%) लक्षणात्मक थे और चौदह बच्चे (23.3%) में एमएस का निदान संयोगवश हुआ था।
निष्कर्ष: मीटल स्टेनोसिस नवजात खतने की एक दीर्घकालिक जटिलता है जो देर से प्रकट होती है और इसके परिणाम भी होते हैं। यह हीटिंग कॉटरी का उपयोग करके खतना किए गए समूह में अधिक आम है। हम हीटिंग कॉटरी का सावधानी से उपयोग करने की सलाह देते हैं।