क्लिनिकल और प्रायोगिक नेत्र विज्ञान जर्नल

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अमूर्त

"बॉम्बाइल": हमारी नज़र में सबसे नया दुश्मन? एक केस सीरीज़

प्रणिधि शारदा*, प्रवीण पंवार

हम सभी अपने दैनिक कार्यों के लिए अपने मोबाइल फोन के गुलाम बन गए हैं, जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे स्वास्थ्य और जीवन पर खतरनाक प्रभाव पड़ता है, खासकर दृष्टि पर। वैसे तो युद्ध, रसोई गैस और पटाखों से होने वाली धमाकों से होने वाली चोटें आम हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में मोबाइल फोन के फटने के मामले भी सामने आए हैं, जिन्हें “बॉम्बाइल” (जीवित आँख में मोबाइल बैटरी का विस्फोट) के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी रिपोर्ट समय-समय पर इंटरनेट और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में आती रहती है। हम फोन की बैटरी फटने के 3 मरीजों की केस सीरीज पेश करते हैं, जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि हमारे जीवन को आसान बनाने के लिए बनाया गया यह तकनीक संचालित उपकरण कैसे एक खतरा बन सकता है और क्यों समाज में इसके सुरक्षित और उचित संचालन के लिए जागरूकता पैदा करने की तत्काल आवश्यकता है।

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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