आईएसएसएन: 2168-9784
राहुल कथरिया, अर्चना देवनूरकर और हंसा जैन
चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जबरदस्त नवाचार के बावजूद, इंट्राऑपरेटिव रक्तस्राव दिन-प्रतिदिन की शल्य चिकित्सा पद्धति में सामने आने वाली प्रमुख शल्य चिकित्सा जटिलताओं में से एक है। सर्जिकल रक्तस्राव से जुड़ी रुग्णता और मृत्यु दर काफी है और यह उन्नत शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए एक बाधा कारक बना हुआ है। इंट्राऑपरेटिव रक्तस्राव कभी-कभी महत्वपूर्ण जटिलताओं का कारण बन सकता है और यहां तक कि खतरनाक घटनाओं को भी जन्म दे सकता है।
नैदानिक महत्व: चिकित्सकों को शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान रक्त की हानि की मात्रा के बारे में पता होना चाहिए ताकि किसी भी असामान्य परिवर्तन का तुरंत पता लगाया जा सके और उसका उपचार किया जा सके। इंट्रा-ऑपरेटिव रक्तस्राव को मापने के लिए विभिन्न तकनीकों पर बहुत कम प्रकाशित रिपोर्ट हैं। हालाँकि, ऐसी रिपोर्टें हैं, जो सभी विभिन्न तकनीकों को संकलित करती हैं, जिनका उपयोग इंट्रा-ऑपरेटिव रक्तस्राव को मापने के लिए किया जा सकता है। यह समीक्षा इंट्रा-ऑपरेटिव रक्त हानि को मापने के विभिन्न तरीकों को संकलित करती है ताकि चिकित्सकों को इसके परिणामों के बारे में अपडेट और सचेत किया जा सके।