आईएसएसएन: 2332-0761
Nazir Hussain, Ripu Sudan Singh
यह तुलनात्मक अध्ययन भारत और तुर्की में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणाओं और प्रथाओं की जांच करता है। दोनों देशों ने राज्य और धर्म के परस्पर संबंधों का एक लंबा इतिहास अनुभव किया है, जिसमें भारत मुख्य रूप से हिंदू और तुर्की मुख्य रूप से मुस्लिम है। अपनी अलग-अलग धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के बावजूद, भारत और तुर्की दोनों ने धर्मनिरपेक्षता को अपने आधुनिक राज्य-निर्माण प्रक्रिया के मूलभूत सिद्धांत के रूप में अपनाया है। यह शोधपत्र इन दोनों देशों में धर्मनिरपेक्षता के विकास को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का विश्लेषण करता है, जिसमें उनके संबंधित इतिहास, राजनीतिक विचारधाराएं और कानूनी ढांचे शामिल हैं। यह भारत और तुर्की में धर्मनिरपेक्षता के कार्यान्वयन में समानताओं और अंतरों की भी जांच करता है, जिसमें राज्य की भूमिका, धर्म और राजनीति के बीच संबंध और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा शामिल है। अध्ययन में पाया गया है कि जबकि भारत और तुर्की दोनों ने विविधता और बहुलवाद को बढ़ावा देने के साधन के रूप में धर्मनिरपेक्षता को अपनाने की कोशिश की है, धर्मनिरपेक्षता के व्यावहारिक कार्यान्वयन को विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कारकों द्वारा चुनौती दी गई है। अध्ययन का निष्कर्ष है कि भारत और तुर्की में धर्मनिरपेक्षता की जटिल गतिशीलता की गहरी समझ विविध समाजों में धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है।