आईएसएसएन: 2161-0487
मुश्ताक अहमद भट्ट1*, डॉ. ज्योत्सना जोशी2
उद्देश्य: वर्तमान अध्ययन कश्मीर के कार्यरत और बेरोजगार युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य स्तर की जांच करने के लिए किया गया था।
सामग्री और विधियाँ: विषयों की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए MH-38 सूची का उपयोग किया गया। नमूने में 200 उत्तरदाता शामिल थे; इनमें से 100 कार्यरत थे और 100 बेरोजगार थे। प्रायोगिक चर का प्रभाव एक मानदंड चर (मानसिक स्वास्थ्य) पर अध्ययन किया गया था। डेटा विश्लेषण के लिए माध्य, एसडी और टी-परीक्षण लागू किए गए थे।
परिणाम: अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला कि मानसिक स्वास्थ्य के सभी उप-पैमानों पर दोनों समूहों में काफी अंतर था। बेरोजगारों में चिंता, अवसाद और व्यवहारिक/भावनात्मक नियंत्रण की कमी, मनोवैज्ञानिक संकट का उच्च स्तर दिखा, और नौकरीपेशा समूह की तुलना में जीवन संतुष्टि और मनोवैज्ञानिक कल्याण स्कोर के निम्न स्तर दिखाए।
निष्कर्ष: वर्तमान अध्ययन में यह पाया गया कि बेरोजगार युवा मानसिक स्वास्थ्य विकारों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से अधिक ग्रस्त हैं। बेरोजगारों में उनके समकक्षों की तुलना में मनोवैज्ञानिक संकट का स्तर अधिक है।