आईएसएसएन: 2329-9096
दीपिका धमीजा*, सुभाशीष चटर्जी, मनु गोयल
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य कैंसर से बचे लोगों की कार्यात्मक क्षमता और दैनिक गतिविधियों पर लिम्फेडेमा के दीर्घकालिक परिणामों का पता लगाना है।
विधियाँ: इस वर्णनात्मक, अन्वेषणात्मक, प्रति-अनुभागीय, और मात्रात्मक जांच में व्यक्तिगत डेटा फॉर्म, कार्यात्मक क्षमता को मापने के लिए कैट्ज़ सूचकांक और लॉटन सूचकांक, तथा जीवन की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए EORTC QLQ-C30 और EORCT QLQ-BR23 का उपयोग किया गया। इसमें 300 महिलाओं ने भाग लिया, जिनमें से केवल 250 महिलाओं ने प्रतिक्रिया दी।
परिणाम: कार्यात्मक रूप से कहें तो, स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की दैनिक गतिविधियाँ कैंसर उपचार के हानिकारक प्रभावों के परिणामस्वरूप बाधित हुईं। इसके अलावा, इन महिलाओं की मनोरंजन गतिविधियों और सामाजिक जुड़ाव पर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दुर्बलताओं का गहरा असर पड़ा। इन घटनाओं के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता भी बिगड़ गई।
निष्कर्ष: इस शोध में पाया गया कि स्तन कैंसर के रोगियों में कार्यात्मक क्षमता में परिवर्तन से उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इस स्थिति के कारण उनके जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।