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बैजू जी, अमरेंधर रेड्डी के, नागलक्ष्मी रेड्डी
पोर्सिलेन लैमिनेट विनियर को सबसे पहले 1930 के दशक में चार्ल्स पिनाकस ने पेश किया था। तब से ही यह एस्थेटिक डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल कर चुका है, क्योंकि इसमें बेहतरीन एस्थेटिक्स, न्यूनतम तैयारी और टिकाऊपन है। डेंटल एडहेसिव्स में हुई प्रगति ने भी सिरेमिक लैमिनेट की सफलता में योगदान दिया है। यह लेख एक ऐसे मरीज की बेहतर एस्थेटिक्स पर प्रकाश डालता है, जो अपने दांतों के रंग में बदलाव की शिकायत लेकर आया था, और सिरेमिक विनियर की मदद से दांतों को फिर से ठीक किया गया।