आईएसएसएन: 2329-9096
हवामदेह जेड, हामेद आर और अल-याया ई
उद्देश्य: आईसीएफ में वर्णित पर्यावरण स्ट्रोक जैसी दीर्घकालिक विकलांगता वाले रोगियों के दैनिक कामकाज को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। इस अध्ययन का उद्देश्य स्ट्रोक से पीड़ित जॉर्डन के रोगियों के आसपास के वातावरण में बाधाओं का पता लगाना है।
विधियाँ: स्ट्रोक से पीड़ित 116 रोगियों का एक नमूना लिया गया। ICF में वर्णित पर्यावरणीय कारकों को सूचीबद्ध करने वाली प्रश्नावली का उपयोग रोगियों की धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था कि प्रत्येक कारक उनके दैनिक कामकाज पर किस तरह की बाधा डालता है। रोगियों से पुनर्वास में आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता के बारे में भी पूछा गया। इसके अतिरिक्त, रोगियों की जनसांख्यिकीय और बीमारी से संबंधित विशेषताओं के बीच सहसंबंधों का पता लगाया गया।
परिणाम: फुटपाथ, अन्य ड्राइवर और सार्वजनिक स्थानों पर शोर जैसे बाहरी पर्यावरणीय कारकों को रोगियों द्वारा दैनिक कामकाज में बाधा के रूप में माना जाता था। पुनर्वास में मनोवैज्ञानिक सेवाएं सबसे कम प्रदान की गईं। रोगियों की स्वतंत्रता के कथित स्तर और रोगी की भागीदारी के स्तर (आर = 0.56, पी <0.000) के साथ-साथ सहायक उपकरणों के उपयोग (आर = 0.51, पी <0.000) के बीच मध्यम लेकिन महत्वपूर्ण सहसंबंध पाए गए।
निष्कर्ष: स्ट्रोक के रोगियों के दैनिक कामकाज पर पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव की खोज हस्तक्षेप की योजना बनाते समय महत्वपूर्ण है। बाहरी पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जहां रोगियों का आसपास के वातावरण पर न्यूनतम नियंत्रण होता है।