आईएसएसएन: 2329-9096
तापस प्रियरंजन बेहरा*, स्मिता जयवंत, अभिषेक विश्वास
पृष्ठभूमि: ट्रांसफेमोरल एम्प्यूटेशन (TFA) वाले व्यक्ति कम गतिशीलता के कारण दैनिक जीवन में बाधाओं का सामना कर सकते हैं। द्विपक्षीय ट्रांसफेमोरल एम्प्यूटीज में "स्टब्बी" प्रोस्थेसिस के उपयोग को कई लेखकों द्वारा बढ़ावा दिया गया है। इन प्रोस्थेसिस के महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु हैं कि वे 1) गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को कम करते हैं, जिससे गिरने की दर और वास्तविकता कम हो जाती है और 2) कृत्रिम घुटने के जोड़ को खत्म करते हैं, जिससे बेहतर नियंत्रण मिलता है और चलने-फिरने के दौरान कार्डियोवैस्कुलर तनाव को कम करना संभव होता है 3) कॉस्मेसिस महत्वपूर्ण बाधा रही है।
केस विवरण और विधि: स्टब्बी प्रोस्थेसिस को रोगी की स्थिति और शिकायत के आधार पर डिजाइन किया गया था।
परिणाम: कृत्रिम अंगों ने इष्टतम मध्यपार्श्वीय स्थिरता प्रदान की, आसान संतुलन की अनुमति दी, पीछे की ओर गिरने से रोका और धक्का देने की शुरुआत रॉकर बॉटम द्वारा की गई।
निष्कर्ष: यह कृत्रिम अंग किफायती है और इसका डिजाइन उचित बायोमैकेनिकल निहितार्थों वाला है।