आईएसएसएन: 2167-0269
वीर सिंह
पिछले दो दशकों से इको-टूरिज्म ने नए पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और पर्यावरण योजनाकारों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। तब से इस पर बहुत सारा साहित्य लिखा जा चुका है और गंगा में बहुत पानी बह चुका है। हालांकि, लोकप्रिय लेखों के माध्यम से आकर्षक अपील की कमी के कारण इको-टूरिज्म अभी भी एक दूर का सपना लगता है। ऐसे में, शायद ही कोई पर्यटक खुद को गर्वित इको-टूरिस्ट के रूप में पेश करता हुआ पाया जाएगा। यह छोटा सा लेख इस कमी को पूरा करने का प्रयास करता है।