राजनीतिक विज्ञान और सार्वजनिक मामलों का जर्नल

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ऊर्जा शासन प्रणाली में घरेलू अभिनेता: भारत और चीन का एक केस अध्ययन

Sachna Arora

ऊर्जा जीवन का भौतिक आधार है। बहुत कम देश ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर हैं। बाकी देशों को अपने अस्तित्व और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा का आयात करना पड़ता है, जिससे वे दूसरे देशों पर निर्भर हो जाते हैं और ऊर्जा आपूर्ति में व्यवधान के समय उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। जलवायु परिवर्तन नीतियों के साथ ऊर्जा संबंधी चिंताओं को एकीकृत करना भारत और चीन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वार्ता का मुख्य केंद्र रहा है। जलवायु परिवर्तन पर पूरी बहस इस बात को नज़रअंदाज़ कर देती है कि अंतर्राष्ट्रीय समझौते देशों में घरेलू कार्रवाइयों को प्रभावित करते हैं, यहाँ तक कि घरेलू राजनीति के खिलाफ़ भी। ऊर्जा प्रणाली में बदलाव की प्रेरणा देश दर देश घरेलू राजनीति से आएगी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया इन घरेलू अभिनेताओं के लिए और भी ज़्यादा ताकतवर हो सकती है और उन्हें लाभ पहुँचा सकती है। ये घरेलू कारक और ताकतें क्या हैं? किस तरह और किस हद तक वे लिए जा रहे नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं? ये ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब दिया जाना चाहिए, खासकर भारत और चीन के मामले में।

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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