आईएसएसएन: 2165-8048
सुनील के गोठवाल, सुरेंद्र खोस्या और नीलेश घरपुरे
डैप्सोन (4,4'-डायमिनोडाइफेनिलसल्फोन) सबसे सरल, सबसे पुराना, सबसे सस्ता, सबसे सक्रिय जीवाणुरोधी एजेंट है जो सल्फोन परिवार से संबंधित है। इसका उपयोग विभिन्न संक्रमणों जैसे कि हैनसेन रोग, क्यूटेनियस मायसेटोमा, न्यूमोसिस्टिस कैरिनी आदि के इलाज के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कई प्रतिरक्षा और अतिसंवेदनशीलता विकारों जैसे कि डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस, वास्कुलिटिस, पॉलीआर्थ्राइटिस नोडोसा आदि में भी किया जाता है। डैप्सोन कई प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है जिसमें साधारण चकत्ते से लेकर कई अंग शामिल हो सकते हैं। यहाँ हम एक दुर्लभ मामले की रिपोर्ट कर रहे हैं जिसे डैप्सोन सिंड्रोम या डीएचएस (डैप्सोन हाइपरसेंसिटिविटी सिंड्रोम) कहा जाता है, जिसमें त्वचा पर दाने, बुखार और आंतरिक अंग जैसे कि हेपेटोबिलरी, पल्मोनरी, हेमटोलॉजिकल और न्यूरोलॉजिकल और अन्य शामिल हैं। हमारे मरीज को बुखार, त्वचा पर दाने, पीलिया और एनीमिया था, जो डैप्सोन और अंतःशिरा स्टेरॉयड को वापस लेने से ठीक हो गया।