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अमूर्त

मानव पूंजी के सिद्धांत का वैचारिक विश्लेषण: एक नया आयाम

जेएस पंत*, बी शेखर, एमएम बागली

अनेक अध्ययनों ने मानव पूंजी में निवेश के महत्व तथा प्रदर्शन और परिणाम के साथ उसके संबंध पर जोर दिया है, जिसका श्रेय नोबेल पुरस्कार विजेता और शिकागो विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री गैरी बेकर, थियोडोर शुल्ट्ज़ और जेम्स हेकमैन को जाता है।

मानव पूंजी का निर्माण करने वाले लक्षणों, विशेषताओं और गुणों (TCQ) का असमान वितरण असामान्य नहीं है, हालाँकि उनमें से अधिकांश पूर्व-निर्धारित या विरासत में मिले हैं, लेकिन काफी हद तक अर्जित या विकसित किए गए हैं। एक बार जब मानव पूंजी में इन कारकों और विशेषताओं की व्यापकता को पहचान लिया जाता है और महसूस किया जाता है, तो इसका मानव जीवन और समाज पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। इस शोधपत्र का उद्देश्य हमारे अध्ययनों के कुछ परिणामों को प्रस्तुत करना है, जो मानव पूंजी प्रतिमान और मानव उपलब्धियों में इसकी प्रासंगिकता को सामने लाते हैं। इस शोधपत्र के कई उद्देश्य हैं, हालाँकि इसका मुख्य उद्देश्य मनोवैज्ञानिक निर्माणों पर आधारित मानव पूंजी वर्गीकरण का प्रस्ताव और अभिव्यक्ति करना है। हम कई अच्छी तरह से अध्ययन किए गए मनोवैज्ञानिक डोमेन के संदर्भ में मानव पूंजी को परिभाषित करके ऐसा करते हैं, और दो क्षेत्रों - स्वभाव और चरित्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

 

अस्वीकरण: इस सार का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया था और अभी तक इसकी समीक्षा या सत्यापन नहीं किया गया है।
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