आईएसएसएन: 2155-9570
अहमद अब्देलमेगीद राडवान
उद्देश्य: प्रीऑपरेटिव "नियम के साथ" कॉर्नियल दृष्टिवैषम्य (WTR) वाली आँखों में मैनुअल छोटे चीरे मोतियाबिंद सर्जरी (SICS) में बेहतर बनाम अस्थायी चीरे द्वारा प्रेरित दृष्टिवैषम्य की तुलना करना। विधियाँ: 24 रोगियों की 35 आँखों पर एक संभावित तुलनात्मक अध्ययन किया गया। उन सभी को बूढ़ा मोतियाबिंद था और उन्हें "ऐन शम्स यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स" नेत्र रोग आउटपेशेंट क्लिनिक से चुना गया था। चीरे की जगह के अनुसार रोगियों को 2 समूहों में विभाजित किया गया था। समूह A: 18 आँखों (13 रोगियों में से) ने PMMA IOL के प्रत्यारोपण के साथ बेहतर दृष्टिकोण के माध्यम से SICS किया। समूह B: 17 आँखों (11 रोगियों में से) ने PMMA IOL के प्रत्यारोपण के साथ अस्थायी दृष्टिकोण के माध्यम से SICS किया। फिर प्रत्येक आँख के लिए SIA की गणना की गई (ऑपरेशन के 45वें दिन) और तुलना की गई। परिणाम: टेम्पोरल समूह में औसत शल्य-क्रिया-प्रेरित दृष्टिवैषम्य (SIA) सुपीरियर समूह (P<0.01) की तुलना में काफी कम पाया गया। सुपीरियर चीरा ने "नियम के विरुद्ध दृष्टिवैषम्य (ATR)" का 2.1 D प्रेरित किया। जबकि टेम्पोरल चीरा ने WTR दृष्टिवैषम्य का 0.7 D प्रेरित किया। निष्कर्ष: सुपीरियर चीरा द्वारा प्रेरित उच्च SIA तब उपयोगी साबित हो सकता है जब इसका उद्देश्य प्रीऑपरेटिव कॉर्नियल WTR दृष्टिवैषम्य (लगभग 2 D) के उच्च स्तर को कम करना हो। दूसरी ओर, प्रीऑपरेटिव WTR दृष्टिवैषम्य के कम स्तर वाले रोगियों में टेम्पोरल चीरा लगाने की सलाह दी जाती है। सटीक कट-ऑफ मान का अध्ययन किया जाना है।