आईएसएसएन: 2161-0932
वानिया कोस्टा रिबेरो, लूसिया कोर्रेया, सोफिया एगुइलर, टेरेज़ा पाउला और जॉर्ज बोर्रेगो
उद्देश्य: अध्ययन का उद्देश्य गर्भाशय ग्रीवा कोशिका विज्ञान संबंधी रिपोर्टों और इसके संवाददाता उपप्रकारों में असामान्य ग्रंथि कोशिकाओं (AGC) के नैदानिक महत्व का मूल्यांकन करना था।
सामग्री और विधियाँ: जनवरी 2009 से दिसंबर 2013 तक तृतीयक केंद्र पर AGC ग्रीवा कोशिका विज्ञान संबंधी निदान का पूर्वव्यापी अध्ययन। आयु, यौन जीवन की शुरुआत, मानव पेपिलोमा वायरस डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (एचपीवी-डीएनए) स्थिति, नैदानिक प्रक्रियाओं और अनुवर्ती ऊतक विज्ञान परिणामों के अनुसार, AGC और इसके संबंधित उपप्रकारों का वैश्विक विश्लेषण किया गया।
परिणाम: 46.8 ± 14.5 वर्ष की औसत आयु वाली महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा AGC कोशिका विज्ञान का प्रचलन 0.3% था। वितरण ने 81% AGC-अन्यथा निर्दिष्ट नहीं (AGC-NOS) और 10.7% AGC-अनुकूल नियोप्लास्टिक (AGC-FN) दिखाया। AGC-NOS में सौम्य विकृति का प्रचलन अधिक था। AGC-FN ने इन सीटू एडेनोकार्सिनोमा, एंडोमेट्रियल कार्सिनोमा की बेहतर घटना और स्क्वैमस सर्वाइकल इंट्राएपिथेलियल नियोप्लासिया के उच्च प्रचलन की प्रवृत्ति दिखाई। ग्रंथियों और स्क्वैमस सहवर्ती साइटोलॉजिकल असामान्यताएं 8.3% के लिए जिम्मेदार थीं और ज्यादातर स्क्वैमस घावों से जुड़ी थीं। HPV-DNA परीक्षण ने गर्भाशय ग्रीवा के घावों का पता लगाने के लिए 100% की विशिष्टता के साथ 50% की संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया।
चर्चा: 20.8% रोगियों में पूर्व-घातकता और घातक बीमारी की पहचान होने के बाद AGC का बारीकी से अनुसरण करना आवश्यक है। गर्भाशय ग्रीवा और एंडोमेट्रियम का सटीक अध्ययन समान महत्व रखता है, दोनों स्थानों में महत्वपूर्ण विकृति पाई गई।