आईएसएसएन: 2168-9857
सौरभ काले*
उद्देश्य: प्रोस्टेटिक वॉल्यूम, प्रोस्टेटोमेगाली ग्रेड और आईपीएसएस (अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्टेट लक्षण स्कोर) का विटामिन डी की कमी (यदि कोई हो) के साथ संबंध का अध्ययन करना।
सामग्री और विधियाँ: अध्ययन 50 से 70 वर्ष की आयु के 150 रोगियों पर किया गया था। एलयूटीएस (लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट सिम्पटम्स) वाले रोगियों को अध्ययन के लिए यादृच्छिक रूप से चुना गया था। आईपीएसएस और नैदानिक परीक्षा के आधार पर सभी रोगियों में एलयूटीएस के लिए एक नैदानिक मूल्यांकन किया गया था। प्रोस्टेट की मात्रा की गणना अल्ट्रासोनोग्राफी (यूएसजी) का उपयोग करके की गई थी और सीरम प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (पीएसए) कट ऑफ <4 एनजी/एमएल को शामिल करने के लिए माना गया था। क्रमिक रूप से सभी रोगियों का सीरम 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी 25 (ओएच) डी स्तर के लिए परीक्षण किया गया। विटामिन डी की कमी से पीड़ित रोगियों को "अध्ययन आबादी" के रूप में वर्गीकृत किया गया था और सामान्य विटामिन डी स्तर वाले लोगों को "नियंत्रण" के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
परिणाम: प्रतिभागियों में 25(OH) D का औसत सीरम स्तर 18.95 ng/ml था। 70% प्रतिभागियों में विटामिन डी की कमी पाई गई। अध्ययन की आबादी में नियंत्रण में 23.42 ± 8.62 की तुलना में 41.32 ± 23.29 मिली का औसत प्रोस्टेट वॉल्यूम काफी अधिक था (P <0.001)। अध्ययन की आबादी में DRE और IPSS पर नियंत्रण की तुलना में काफी अधिक प्रोस्टेटोमेगाली ग्रेड भी था (P=0.001)।
निष्कर्ष: विटामिन डी की कमी BPE के रोगियों में उच्च प्रोस्टेट वॉल्यूम और IPSS स्कोर से जुड़ी है। यदि आगे के अध्ययन इस संबंध की पुष्टि करते हैं, तो विटामिन डी की कमी का उपचार BPE के लक्षणों को रोकने या देरी करने में मदद कर सकता है।