आईएसएसएन: 2150-3508
यादव आर.सी.
इस अध्ययन में जैविक फास्फोरस (P) के उपयोग की विधि, जो पशुओं के लिए एक महत्वपूर्ण भोजन और पोषण तत्व तथा वनस्पति पौधों के लिए पोषक तत्व है, जल का अनावश्यक उपयोग करना तथा जलीय और स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्रों को जोड़ना आदि पर विचार किया गया है। जलीय पारिस्थितिकी तंत्रों पर भोजन करने वाले पक्षियों, कीटों, मक्खियों, मच्छरों तथा मछलियों के छोटे बच्चों जैसे द्वितीयक उपभोक्ताओं से जैविक फास्फोरस एकत्र करने की विधियां तैयार की गई हैं। अध्ययन में लंबे समय से (लगभग 75 वर्ष पहले) प्रकाशित अकादमिक रूप से स्वीकृत आंकड़ों का उपयोग करके फास्फोरस की उपलब्धता क्षमता की पुष्टि की गई है। जैविक फास्फोरस एकत्र करने के लिए विकसित उपाय तथ्य आधारित, व्यवहार्य तथा निश्चित रूप से इच्छित उद्देश्य के लिए सफलतापूर्वक काम करेंगे। यद्यपि संग्रह की मात्रा कम होगी, लेकिन उपयोगी उद्देश्यों के लिए सामग्री की आवश्यकता भी बहुत कम है। इस प्रकार, इस अध्ययन ने फास्फोरस, इसके बहुविध औद्योगिक उपयोगों तथा स्रोत सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने की संभावना के संबंध में वैश्विक चिंता के वैज्ञानिक विकास के लिए एक नई वैज्ञानिक दृष्टि प्रस्तुत की है। अध्ययन में इस क्षेत्र में चल रही मत्स्य पालन और विभिन्न पक्षी पालन फार्मों जैसे मुर्गी पालन, बत्तख और जलीय पक्षी पालन और उनके मल का उपयोग करने की स्थलीय और स्थलीय सह जलीय प्रणालियों की उपयोगिता को और व्यापक बनाया गया है। आयोडीन (I) के आगे अन्वेषण के लिए इस शोध को आगे बढ़ाने की गुंजाइश है, जो समुद्र और महासागर पारिस्थितिकी तंत्र से प्राप्त एक अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व है और स्थानीय डोमेन में अनुकूलन है।