आईएसएसएन: 2572-0805
डॉ.अनिल बट्टा
प्रियन रोग संक्रामक, प्रगतिशील और हमेशा घातक न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थितियां हैं जो होस्ट-एनकोडेड सेलुलर प्रियन प्रोटीन, PrP C के मिसफोल्डिंग और एकत्रीकरण से जुड़ी हैं । ये मानव सहित स्तनधारी प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला में पाए गए हैं। मानव प्रियन रोग छिटपुट रूप से उत्पन्न हो सकते हैं, वंशानुगत हो सकते हैं या अधिग्रहित हो सकते हैं। छिटपुट मानव प्रियन रोगों में क्रुएट्ज़फेल्ड-जैकब रोग (CJD), घातक अनिद्रा और अलग-अलग प्रोटीज-संवेदनशील प्रियनोपैथी शामिल हैं। आनुवंशिक या पारिवारिक प्रियन रोग PrP C के लिए जीन एन्कोडिंग में ऑटोसोमल प्रमुख रूप से विरासत में मिले उत्परिवर्तन के कारण होते हैं और इसमें पारिवारिक या आनुवंशिक CJD, घातक पारिवारिक अनिद्रा और गेर्स्टमैन-स्ट्रॉसलर-शेइंकर सिंड्रोम शामिल हैं। अधिग्रहित मानव प्रियन रोग मानव प्रियन रोग के केवल 5% मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें कुरु, इट्रोजेनिक सीजेडी और सीजेडी का एक नया वैरिएंट शामिल है जो मांस के सेवन, खास तौर पर मस्तिष्क के माध्यम से प्रभावित मवेशियों से मनुष्यों में फैलता है। यह समीक्षा मानव प्रियन रोगों की महामारी विज्ञान, एटियलजि, नैदानिक मूल्यांकन, न्यूरोपैथोलॉजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं पर जानकारी प्रस्तुत करती है। मानव प्रियन रोगों के प्रति संवेदनशीलता प्रदान करने में पीआरपी एन्कोडिंग जीन ( पीआरएनपी ) की भूमिका पर भी चर्चा की गई है।