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राजू पी.एस., प्रीति भट्टाचार्य
श्वेत आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए लापता दांतों के कई महामारी विज्ञान अध्ययन हैं जो अन्य लोगों की स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं। उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य उत्तर भारतीय किशोरों से लिए गए नमूने में लापता दांतों के वितरण का अनुमान लगाना था। सामग्री और विधियाँ: 12 से 18 वर्ष की आयु के असंबंधित किशोरों के पैनोरमिक रेडियोग्राफ की लापता दांतों के लिए जाँच की गई। परिणाम: अध्ययन में केवल तीसरे दाढ़ के लिए महत्वपूर्ण लिंग अंतर दिखाया गया है जो कि अधिकांश महिलाओं में अनुपस्थित था। निष्कर्ष: वर्तमान अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला है कि उत्तर भारतीय आबादी में तीसरे दाढ़, मैक्सिलरी लेटरल इंसिसर, मैंडिबुलर इंसिसर और मैंडिबुलर सेकंड प्रीमोलर सबसे आम जन्मजात स्थायी दांत थे।