आईएसएसएन: 2319-7285
एस.के.खटिक एवं श्री.मिलिंद पाटिल
भारत से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत और मेजबान देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देता है। इसके परिणामस्वरूप प्रौद्योगिकी और कौशल का हस्तांतरण, अनुसंधान और विकास को साझा करना, वैश्विक बाजार तक पहुंच, रोजगार सृजन और भारत और अन्य देशों में उपलब्ध कच्चे माल का उपयोग होता है। इस प्रकार, विदेशी निवेश के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था का बाकी दुनिया के साथ एकीकरण हासिल किया जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि 66% निवेश जारी की गई गारंटी के रूप में किया जाता है, इसके बाद 21% इक्विटी में और 13% ऋण के माध्यम से किया जाता है। सिंगापुर में 19% की तुलना में नीदरलैंड ने 22% निवेश आकर्षित किया। क्षेत्रवार निवेश से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र ने 28% निवेश आकर्षित किया, इसके बाद परिवहन, भंडारण और संचार ने 20%, वित्तीय, बीमा और व्यापार सेवाओं ने 17%, कृषि और खनन ने 13%, थोक, खुदरा व्यापार, रेस्तरां और होटल ने 12% निवेश आकर्षित किया।