सैदु कासिमु*, मुहम्मद बशीरू अब्दुलरहमान, मोहम्मद मंसूर बी केबी
पृष्ठभूमि: आनुवंशिक रोग दुर्लभ एकल-जीन मेंडेलियन स्थितियां हैं, जो जन्मजात और वंशानुगत दोनों हैं, जो अक्सर गंभीर विकलांगता और समय से पहले मृत्यु का कारण बनती हैं। नवजात शिशुओं की जांच एक जनसंख्या-आधारित जांच रणनीति है, जिसके तहत चयापचय, अंतःस्रावी और अन्य समस्याओं वाले नवजात शिशुओं की पहचान की जाती है, जिनका समय रहते पता लगाने और उपचार से गंभीर परिणामों और लक्षणों को रोका जा सकता है। इसे सबसे सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। वंशानुगत आनुवंशिक रोगों के निदान के लिए विशिष्ट जैव रासायनिक और आनुवंशिक परीक्षणों की आवश्यकता होती है, जैसे कि अमीनो एसिड विश्लेषण, कार्बनिक एसिड विश्लेषण, एंजाइम परख और डीएनए विश्लेषण। अध्ययन का उद्देश्य बाल चिकित्सा में आनुवंशिक रोगों की जांच में नैदानिक रसायन विज्ञान की भूमिका की समीक्षा करना था, जो प्रकाशित डेटा द्वारा समर्थित या विशेषज्ञ सहमति से प्राप्त हो।
समीक्षा: हमने मेडलाइन, पबमेड, स्कोपस, अफ्रीकन जर्नल्स ऑनलाइन, गूगल स्कॉलर जैसी वैज्ञानिक वेबसाइटों और संदर्भ पुस्तकों की खोज की। नवजात शिशुओं की जांच और बाल चिकित्सा में वंशानुगत आनुवंशिक रोगों के प्रबंधन में नैदानिक रसायन विज्ञान की भूमिका पर उपलब्ध साहित्य की एक व्यवस्थित समीक्षा की गई।
निष्कर्ष: इसलिए, आनुवंशिक रोगों की जांच और निदान में नैदानिक रसायन विज्ञान प्रयोगशाला की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें सबसे उपयुक्त नमूना प्रकार पर सही परीक्षण करना और परीक्षण के परिणाम की सही व्याख्या करना शामिल है।