आईएसएसएन: 2155-9570
रोहित गुप्ता, जितेंद्र जिनागल, सुरभि खुराना, पारुल चावला गुप्ता और जगत राम
उद्देश्य: एकतरफा इरिडो-फंडल कोलोबोमा से जुड़े माइक्रोकॉर्निया में द्विपक्षीय परिबद्ध पश्च केराटोकोनस के एक दुर्लभ मामले की रिपोर्ट करना।
विधि: एकतरफा इरिडो-फंडल कोलोबोमा से जुड़े द्विपक्षीय परिबद्ध पश्च केराटोकोनस का मामला हमारे पास जन्म से ही दोनों आँखों में दृष्टि की कमी की शिकायत के साथ आया था। रोगी ने क्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण होने वाली अंतिम अवस्था की गुर्दे की बीमारी के लिए गुर्दे का प्रत्यारोपण करवाया था। द्विपक्षीय पश्च केराटोकोनस और इरिडो-फंडल कोलोबोमा के निष्कर्षों की पुष्टि और दस्तावेजीकरण करने के लिए पूर्ववर्ती खंड ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी, फंडस मूल्यांकन और श्इम्पफ्लग इमेजिंग सहित पूर्ववर्ती खंड परीक्षा की गई।
परिणाम: द्विपक्षीय पश्च केराटोकोनस का निदान विशिष्ट नैदानिक निष्कर्षों और पूर्ववर्ती खंड ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी द्वारा किया गया था। स्लिट लैंप जांच में कॉर्निया के पीछे की वक्रता का पतला होना पाया गया और पूर्ववर्ती खंड ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ए/एस ओसीटी) पर इसकी पुष्टि की गई। चूंकि पतलापन स्थानीयकृत था, इसलिए द्विपक्षीय परिबद्ध पश्च केराटोकोनस का निदान किया गया। पूर्ववर्ती खंड और फंडस फोटोग्राफी पर एकतरफा इरिडो-फंडल कोलोबोमा का दस्तावेजीकरण किया गया।
निष्कर्ष: यह एकतरफा इरिडो-फंडल कोलोबोमा के साथ द्विपक्षीय परिबद्ध पश्च केराटोकोनस का दस्तावेजीकरण करने वाली पहली केस रिपोर्ट है। इन दोनों बीमारियों और इन बीमारियों के अन्य नेत्र संबंधी और साथ ही प्रणालीगत विसंगतियों के बीच किसी भी संबंध को देखने के लिए आगे के अध्ययनों की आवश्यकता है।